1 सितंबर से 7 सितंबर नेशनल न्यूट्रिशन वीक के रूप में मनाया जाता है। नेशनल न्यूट्रिशन वीक का उद्देश्य लोगों को अच्छी सेहत और स्वस्थ लाइफस्टाइल के प्रति जागरूक करना है। प्रतिदिन हम अपने खाने में कई ऐसी चीजें शामिल करते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानी जाती है। चीनी भी इनमें से एक है।
हमारे दैनिक जीवन में चाय और कॉफी तक में सफेद चीनी का इस्तेमाल किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होता है। ऐसे में अगर हम चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल करते है तो वह हमारी सेहत के लिहाज से फायदेमंद होता है।
गुड़ को हमेशा फायदेमंद माना गया है। गुड़ स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। ये कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। हालांकि, गुड़ का इस्तेमाल भी सीमित तरीके से ही करना चाहिए. लेकिन जब हम बात सफेद चीनी की करते हैं तो गुड़ ही एक स्वस्थ विकल्प है, क्योंकि गुड़ खाने से शरीर को कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं।
आइए जानते हैं कि क्यों चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल करना चाहिए?
गुड़ में मोलेसिस होने की वजह से ये ज्यादा पोष्टिक होता है। जबकि चीनी बनाने की प्रक्रिया में मोलेसिस नाम के बाई प्रोडक्ट को हटा दिया जाता है। गुड़ विटामिन और मिनरल से भरपूर होता है। सफेद चीनी रिफाइंड की जाती है। इसमें कोई किसी प्रकार के विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, फैट, फाइबर नहीं होते। जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है।
रिफाइंड चीनी से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है शरीर की बीमारी से लडने की क्षमता भी कम हो जाती है। गुड़ एक बेहतरीन इम्युनिटी बूस्टर है। इसके सेवन से खांसी और सर्दी जैसी स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से बचाव होता है। गुड़ के सेवन से पाचन स्वास्थ्य, एनीमिया की रोकथाम, लीवर डिटॉक्सिफिकेशन और बेहतर प्रतिरक्षा कार्य में सुधार होता है। जबकि चीनी से मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज, हृदय रोग, लिवर रोग होने का खतरा भी हो सकता है।