आज़ादी के सात दशक बाद भी असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों का कोई सटीक आंकड़ा नहीं है। एक अनुमान के मुतबिक़ असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों की संख्या 38 करोड़ से ज्यादा है, लेकिन सटीक जानकारी के अभाव में उन्हें केंद्र सरकार की उन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता, जो संगठित क्षेत्र के लोगों को मिलता है। ऐसे लोगों के हित में केंद्र सरकार ने अभी तक का सबसे बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने ई-श्रम की शुरुआत की है। इस पोर्टल की मदद से श्रमिकों के आंकड़े और जानकारी जुटाई जाएगी। फिर उसी आधार पर सरकार श्रमिकों के लिए योजनाएं और नियम बनाएगी श्रमिकों को एक ई-श्रम कार्ड जारी किया जाएगा जिसमें उन्हें 12 नंबर का एक विशिष्ट कोड दिया जाएगा। इसी कोड से उस श्रमिक की पहचान होगी।

श्रमिकों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने में श्रम मदद करेगा। इसमें राज्य सरकार, ट्रेड यूनियन और कॉमन सर्विस सेंटर भी मदद करेंगे। इसके लिए पूरे देश में जन जागरूकता अभियान भी शुरू किया जा रहा है। कोई भी समस्या आने पर टोल नंबर 14434 पर फोन कर पूरी जानकारी ली जा सकती है। कोई कामगार जो इस पोर्टल पर पंजीकृत है और दुर्घटना का शिकार होता है, तो वह मृत्यु या स्थायी रूप से शारीरिक विकलांगता का शिकार होने पर दो लाख रुपये और आंशिक रूप से शारीरिक विकलांगता का शिकार होने पर एक लाख रुपये के लिए पात्र होगा। श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव के अनुसार, असंगठित क्षेत्र के कामगार भारत के राष्ट्र निर्माता हैं और यह पोर्टल उनके कल्याण से जुड़े प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में एक और अहम पड़ाव है।”