उत्तराखंड के लमखागा पास में 17,000 फीट की ऊंचाई पर एयरफोर्स का बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। यहां पर पर्यटकों, पोर्टर्स और गाइड समेत 17 ट्रैकर्स 18 अक्टूबर को भारी बर्फबारी और खराब मौसम के चलते रास्ता भटक गए थे। इनमें से 11 लोगों के शव लमखागा पास जाने वाले रास्ते में मिले हैं।

पर्वतारोहियों ने 14 अक्टूबर को उत्तराखंड के हरसिल से ट्रैकिंग शुरू की थी। उन्हें हरसिल से होते हुए हिमाचल प्रदेश के चिटकुल पहुंचना था, लेकिन 17 से 19 अक्टूबर के बीच खराब मौसम की वजह से वे लमखागा पास के करीब भटक गए और लापता हो गए। लमखागा पास उत्तराखंड में हरसिल और हिमाचल प्रदेश में किन्नौर को जोड़ने वाले सबसे दुर्गम पास में से एक है।

एयरफोर्स ने बुधवार को सर्च ऑपरेशन के लिए दो हेलिकॉप्टर तैनात किए। अगले दिन गुरुवार को बचाव दल को 15,700 फीट की ऊंचाई पर 4 शव मिले। 16,800 फीट की ऊंचाई पर एक जीवित शख्स का रेस्क्यू किया गया। उसकी हालत काफी गंभीर थी और वह हिल-डुल पाने की हालत में नहीं था। 22 अक्टूबर की सुबह भी खराब मौसम और तेज हवा के बावजूद क्रू मेंबर्स एक शख्स को बचाने और 16,500 फीट की ऊंचाई से 5 शवों को वापस लाने में कामयाब रहे। एक संयुक्त गश्ती दल ने दो और शवों का पता लगाया है।

यह पर्वतारोही दल मोरी सांकरी की एक ट्रैकिंग एजेंसी के माध्यम से हरसिल से चिटकुल के लिए रवाना हुआ। इस दल ने उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के वन विभाग से 13 से 21 अक्टूबर तक लमखागा पास पर ट्रैकिंग करने के लिए इनरलाइन परमिट लिया था, लेकिन 17 से 19 अक्टूबर के बीच मौसम खराब हो जाने की वजह से दल भटक गया।