आपने कई लोगों से सुना होगा कि मिट्टी के बर्तन में जमी दही का स्वाद कुछ खास होता है तो आप भी मिट्टी के बर्तन में जमी दही जरूर खाइए। क्योंकि साधारण बर्तनों में जमी दही में वो स्वाद नहीं आता जो मिट्टी के बर्तन में जमी दही में आता है। साथ ही यह सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है। आप सभी को याद होगा कि दादी-नानी के जमाने में मिट्टी की हांडी में दही जमाने की परंपरा थी, लेकिन समय बदलता गया और मिट्टी के बर्तनों की जगह स्‍टील और प्‍लास्टिक के बर्तनों ने ले ली। लेकिन आज भी कुछ गांवों में मिट्टी की हांडी ही दही जमाने के लिए इस्तेमाल की जाती है जो दूसरे बर्तनों से बेहतर मानी जाती है।

मिट्टी के बर्तन में क्यों जमाया जाता है दही?

मिट्टी के बर्तन में जमा हुआ दही बहुत फायदेमंद माना जाता है। मिट्टी की हांडी प्राकृतिक तौर पर तापमान को कंट्रोल करती है, जो दही के लिए काफी उपयुक्‍त है। अगर दही में मौजूद अच्छे बैक्‍टीरिया को ज्यादा ठंडा और गर्म तापमान मिले तो दही सही तरह से नहीं जमती। यही नहीं, सेहत पर भी इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जब हम मिट्टी की हांडी में दही जमाते हैं, तो इसमें बहुत सारे प्राकृतिक मिनरल्स जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, सल्फर और अन्य प्राकृतिक तत्त्व बढ़ जाते हैं। इन तत्वों से दही का स्‍वाद और न्यूट्रीशन वैल्‍यू बढ़ जाती है।

मिट्टी के बर्तन में जमी दही को खाने के फायदे

दही जमाने के लिए हम स्टील या प्लास्टिक के बर्तन का प्रयोग करते है वह दही को बहुत ज्यादा खट्टा या एसिडिक बना सकता है, लेकिन अगर आप मिट्टी के मटके में दही जमा रहे हैं तो मिट्टी के बर्तन बहुत सारे एसिड को बैलेंस कर देती है और दही का स्वाद मीठा बना रहता है।

मिट्टी के बर्तन में चीजें जल्‍दी गर्म नहीं होती। ऐसे में जब इसमें दही जमाया जाता है तो इसके तापमान में बदलाव नहीं होता और दही को लंबे समय तक खराब होने से बचाया जा सकता है।

मिट्टी के बर्तन में कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इनमें मैग्नीशियम,आयरन,सल्फर और अन्य कई प्राकृतिक लवण शामिल हैं,जो हमारी दही में मिल जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं।