घी खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन कुछ लोग वजन बढ़ने के डर से इसका सेवन नहीं करते जबकि ये वजन कम करने में फायदेमंद है। वहीं कुछ ऐसे हैं जो इसकी अधिक मात्रा लेते हैं जो नुकसानदायक भी हो सकता है।
माना जाता है कि घी की उत्पत्ति प्राचीन भारत में हुई थी। यह मक्खन को धीमी आंच पर उबालकर बनाया जाता है। जबकि घी में इस्तेमाल किया गया मक्खन दूध में पाई जाने वाली क्रीम की परतों को मथकर तैयार किया जाता है। कई तरह के भारतीय व्यंजनों में घी का भरपूर प्रयोग किया जाता है। देसी घी अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए भी प्रसिद्ध है।
गाय के घी में हेल्दी फैट, विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन के, कैल्शियम, फॉस्फोरस, मिनरल्स, पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्वों के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट के गुणों से भी समृद्ध है। इसके साथ ही इसमें ओमेगा 3 और ओमेगा 9 जैसे फैटी एसिड भी पाएं जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभप्रद होते हैं।
भारत में, घी को पके हुए खाद्य पदार्थों के सेवन के साथ-साथ भोजन तैयार करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप घी खाने की सही मात्रा जानते हैं? हाल ही में सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने अपने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में घी की अनुपातिक मात्रा के बारे में बताया जो सेहतमंद है और इसे पचाना भी आसान है।
न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता के अनुसार, ‘हम जो खा रहे हैं, उसके आधार पर हमें घी की सही मात्रा के बारे में जानकारी होना जरूरी है। उदाहरण के लिए, अगर हम रागी की तरह बाजरे को पका रहे हैं तो हम उसमें दाल और चावल की अपेक्षा थोड़ा अधिक घी डालेंगे।’ रुजुता कहती हैं कि घी का इस्तेमाल मुख्य रूप से खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए। हालांकि, वह आगे यह भी कहती हैं कि इसकी मात्रा इतनी अधिक नहीं होनी चाहिए कि इससे भोजन का स्वाद ही फीका लगने लगे।
आयुर्वेद के अनुसार, नाश्ते से आधा घंटा पहले खाली पेट एक चम्मच घी का सेवन करना आपके स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से गर्मियों के दिनों में बहुत लाभकारी हो सकता है। इसलिए, यदि आप स्लिम होने या उस पेट की चर्बी से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहे हैं, तो आप इस मौसम में अपने डेली आहार में घी को शामिल कर सकते हैं। आयुर्वेद में हर दिन 2 से 3 चम्मच घी खाने की सलाह दी गई है।