आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में लोग कब्ज, गैस, मोटापा, नाभि का डिगना, हृदय रोग, पेट दर्द व श्वास रोग से पीड़ित हैं। लेकिन इन सब रोगों से बचाने में योग का बड़ा योगदान है। अर्धहलासन इन सब रोगों में लाभकारी है। यह आसन आंतों को सबल एवं निरोग बनाता है और जठराग्नि को प्रदीप्त करता है। यह कमर दर्द में भी बहुत लाभदायक है।
अर्धहलासन को करने का तरीका
पीठ के बल लेटकर हथेलियां भूमि की ओर, पैर सीधे एवं पंजे मिले हुए व तने हुए होने चाहिए। अब श्वास अंदर भरकर पैरों को 90 डिग्री पर धीरे धीरे ऊपर उठाकर कुछ समय तक ऐसी स्थिति में स्थिर रहें, वापस आते समय धीरे धीरे पैरों की नीचे भूमि पर टिकाएं, झटके के साथ नहीं। कुछ विश्राम कर, फिर यही क्रिया करें, इसे अर्धहलासन कहते हैं। इसे 3 से 6 बार करना चाहिए।
सावधानियां-
जिनको कमर में अधिक दर्द रहता हो, वो एक – एक पैर से क्रमशः एस आसन का अभ्यास करें ; दोनों पैर से एक साथ अभ्यास ना करें।