उत्तराखंड। उत्तराखंड में 13 हेलीपोर्ट बनाए जाएंगे जिसके लिए केंद्र सरकार उत्तराखंड सरकार को 100 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता देगी। केंद्र ने क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत प्रत्येक हेलीपोर्ट के लिए 7-8 करोड़ रूपये का बजट रखा है। हेलीपोर्ट बनाने की शुरुआत चमोली जिले के गौचर और उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ से की जा रही है।
13 हेलीपोर्ट में सहस्त्रधारा ( देहरादून) चिन्यालीसौड़, गौचर, नई टिहरी, श्रीनगर, अल्मोड़ा, नैनीताल, हरिद्वार, जोशीमठ, हल्द्वानी, धारचूला, मसूरी, रामनगर शामिल है। इन स्थानों पर हेलीपैड तो है लेकिन हेलीपोर्ट नहीं है। हेलीपोर्ट हेलीपैड से थोड़ा बड़ा होता है इसको छोटा एयरपोर्ट भी कहा जा सकता है। यहां पर एक से अधिक हेलीकॉप्टर खड़े करने का स्थान और लाउंज सुविधा भी होगा। केंद्र सरकार इस साल के अंत तक पांच स्थानों पर हेलीपोर्ट को अंतिम रूप देना चाहती है।
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण ने शुरुआत में गौचर व चिन्यालीसौड़ के लिए डी पी आर तैयार कर ली गई है। साथ ही सहस्त्रधारा, नई टिहरी,श्रीनगर, अल्मोड़ा, नैनीताल, हल्द्वानी में भी हेलीपोर्ट पर भी जल्दी ही काम शुरू होगा। धारचूला में हेलीपोर्ट सेना के हेलीपैड वाली जगह पर ही बनाया जाएगा। लेकिन अभी सेना की अनुमति मिलना बाकी है। जोशीमठ में भी सेना के हेलीपैड पर ही बनाए जाने के प्रयास चल रहे हैं। वहीं रामनगर में जमीन की तलाश की जा रही है और हरिद्वार में भी बीएचईएल से भूमि लेने की बात की जा रही है। मसूरी में भी जमीन देखी गई है जिसको अंतिम रूप दिया जा रहा है। सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर का कहना है कि आठ स्थानों पर हेलीपोर्ट बनाने की दिशा में आगे कदम बढ़ चुके हैं बाकी जगह पर भी कार्य चल रहा है।