इसे खाली पेट या हल्के पेट किया जाना चाहिए। कमजोरी महसूस होने पर गुनगुने पानी में थोड़ी मात्रा में शहद को सेवन करें।

शरीर की गतिविधियों को आरामदायक और सहज बनाने के लिए हल्के और सूती कपडे सुविधाजनक रहते हैं।

गंभीर रोगों या हृदय रोगों या दर्द संबंधित रोगों के मामले में योग अभ्यास करने से पहले चिकित्सक या योग चिकित्सक से परामर्श किया जाना चाहिए।

शुरुआत प्रार्थना से कि जानी चाहिए क्योंकि यह मन को शांत करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाती है।

शरीर और सांस की जागरूकता के साथ योग अभ्यास धीरे- धीरे से मंद गति से किया जाना चाहिए। शरीर को ना तो कसें और ना ही झटका दें। अपने सामर्थ्य के अनुसार अभ्यास करें।

गहरे मौन या शांति पाठ के साथ योग अभ्यास को समाप्त करें।

भोजन और स्नान, अभ्यास के 20-30 मिनट के बाद ही किया जाना चाहिए। पूरी तरह तैयार होने पर जागरूक भाव से योग की दुनियां में कदम रखे। सदियों पुराने इस ज्ञान का लाभ उठाएं।